राजस्थान के रावतसर का ट्रक ड्राइवर निकला इंटरनेशनल ड्रग तस्करी का मास्टरमाइंड \ Truck driver of Rajasthan’s Rawatsar turns out to be the mastermind of international drug smuggling 

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राजस्थान के रावतसर का ट्रक ड्राइवर निकला इंटरनेशनल ड्रग तस्करी का मास्टरमाइंड \ Truck driver of Rajasthan’s Rawatsar turns out to be the mastermind of international drug smuggling 

मणिपुर के रास्ते म्यांमार से राजस्थान तक नशे की तस्करी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। होश उड़ा देने वाली बात ये है कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के शिकंजे में आया ये मास्टरमाइंड राजस्थान के रावतसर का ही है।

इस गिरोह का दूसरा आरोपी 10वीं पास ही है, वह चायपत्ती के बीच नशे की खेप भरकर असम, दिल्ली, पंजाब और राजस्थान सहित 7 राज्यों में बेरोकटोक पहुंच करवाता था।

म्यांमार के ड्रग डीलरों से इसके सीधे लिंक हैं। एक साथ 10 करोड़ की ड्रग डील होती थी जिसे एक दो महीने आराम से सप्लाई कर सके। पूरी डील क्रिप्टोकरेंसी या  हवाला की मदद से पहुंचाई जाती थी।

इस पूरे मामले का दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 12 दिन पहले दिल्ली में बड़ी छापेमारी करते हुए एक ट्रक ड्राइवर को गिरफ्तार किया था।ने पूछताछ में मास्टरमाइंड का कच्चा चिट्ठा बताया।

कार्रवाई करते हुए स्पेशल सेल टीम ने जालोर जिले के सरवाना गांव से उसे गिरफ्तार कर लिया है। अभी भी इस अंतर्राष्ट्रीय गैंग के कई गुर्गों की तलाश की जा रही है।

दिल्ली स्पेशल सेल के IPS अत्तर सिंह ने एक मीडिया एजेंसी को बताया कि  म्यांमार की सीमा से लगते राज्य मणिपुर के आसपास ड्रग तस्कर एक्टिव हैं।

म्यांमार से मणिपुर के रास्ते ही अफीम की सबसे ज्यादा स्मगलिंग होती है। स्पेशल सेल के पास जानकारी थी कि इंटरनेशनल स्मगलिंग गैंग ड्रग्स को मणिपुर, असम, यूपी, बिहार, पंजाब, राजस्थान व दिल्ली में पहुंच दे रहा है। Truck driver of Rajasthan’s Rawatsar turns out

जून महीने में स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर रणजीत सिंह को सोर्स से सूचना मिली कि इंफाल हआते हुए राजस्थान का ट्रक ड्राइवर मोहनलाल चौधरी  ट्रक में अफीम की खेप दिल्ली की ओखला मंडी में ला रहा है।

ओखला मंडी में देने के बाद इसी ट्रक से राजस्थान में अफीम की सप्लाई करने जाएगा। सोर्स से मिली सूचना के अनुसार ट्रक 15 जून को सुबह 6.30 से 7.30 बजे के लगभग ओखला मंडी के सामने बस स्टैंड के पास स्थानीय तस्कर को अफीम की पहुंच देने वाला था।

सूचना की तस्दीक होते ही स्पेशल टीम ने सुबह ही पूरे इलाके को घेर लिया। सुबह 7 बजे के लगभग एक ट्रक संख्या RJ12GA-4544 ओखला मंडी के बस स्टैंड के पास Captain गौड़ मार्ग पर आकर ठहरता है।

इसके बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम  ने ट्रक ड्राइवर मोहनलाल चौधरी को पकड़ ट्रक को जब्त कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि ट्रक में चाय पत्ती के पैकेट हैं।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल टीम ने ट्रक में तलाशी ली तो ट्रक में पहले तो चाय पत्ती के पैकेट ही थे, लेकिन नीचे कई छुपे हुए बॉक्स बने थे। जिनकी खंगालने  पर लगभग10 करोड़ की बाज़ार कीमत की 41.2 किलोग्राम ड्रग्स बरामद की गई। जब्ती के बाद मामला दर्ज कर 39 वर्षीय ड्राइवर मोहन लाल चौधरी  निवासी रावतसर जिला बाड़मेर को गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस पूछताछ में राजस्थानी मास्टरमाइंड का नाम आया सामने –

ACP अत्तर सिंह ने बताया कि ड्राइवर मोहनलाल चौधरी से जब सख्ती से इंटेरोगेशन की गई तो उसने पूरे रैकेट का खुलासा किया। मोहन लाल चौधरी ने बताया कि राजस्थान के जालोर के सरवाना का रहने वाला शैतान सिंह बिश्नोई ही ड्रग्स तस्करी का मास्टरमाइंड है।

उसके प्लान के अनुसार ही वो म्यांमार बॉर्डर से ड्रग्स तस्करी कर मणिपुर, असम, दिल्ली, पंजाब और राजस्थान सहित कई दूसरे राज्यों में स्थानीय तस्करों को सप्लाई करता है। मास्टरमाइंड शैतान सिंह का म्यांमार में रह रहे विदेशी तस्करों व बॉर्डर पर सीमावर्ती राज्यों के तस्करों साथ मिलकर इंटरनेशनल ड्रग रैकेट  हुआ है।

IPS अत्तर सिंह के अनुसार ट्रक चालक के कबूलनामेके बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एक टीम राजस्थान रवाना कर दी  गई जिसने 19 जून को आरोपी शैतान सिंह बिश्नोई को जालोर जिले में आरोपी के गांव सरवाना में गिरफ्तार कर लिया है।

जांच में मास्टरमाइंड शैतान सिंह ने खुलासा करते हुए बताया कि वो पिछले 5 साल से इंटरनेशनल ड्रग्स तस्करी का  कारोबार कर रहा है। दिल्ली पुलिस द्वारा ड्राइवर मोहन लाल चौधरी से पकड़ी गई अफीम की खेप भी उसी ने मंगाई थी आगे इसे दिल्ली, NCR और राजस्थान में लोकल ड्रग्स तस्करों को सप्लाई कराने वाला था। मास्टरमाइंड ने बताया कि मणिपुर में स्थानीय ड्रग स्मगलर्स आफीम की यह खेप म्यांमार से बॉर्डर पार कर लाये थे।

इसके लिए मास्टरमाइंड शैतानसिंह कुछ समय पहले इंफाल गया था। वहां उसने अफीम की खेप को मोहनलाल चौधरी के ट्रक में लोड करवाया था। इसके बाद इसे दिल्ली, एनसीआर और राजस्थान में पहुंच का निर्देश देकर खुद राजस्थान लौट आया था।

27 साल का मास्टरमाइंड शैतानसिंह ज्यादा समय गांव से बाहर ही रहता है लोकल स्तर पर उसकी कोई आपराधिक एक्टिविटी भी नहीं है। न ही किसी लोकल थाने में उसके खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज है।

शैतान सिंह गुवाहाटी में लम्बे अरसे तक अपने रिश्तेदार के पास काम धंधे के लिए आता-जाता रहता था। लंबे अरसे तक वो गुवाहाटी रहा था, इसी दौरान उसकी स्थानीय के ड्रग तस्करों से दोस्ती हुई और धीरे-धीरे खुद शैतान सिंह ने खुद की गैंग बना ली और राजस्थान में पहुंच देने करने लगा।

इन्स्पेक्टर रणजीत सिंह के अनुसार वहां से खरीदी गई एक लाख की ड्रग्स भारतीय मार्केट में पहुंचते ही डिलीवरी खर्चा निकालकर पांच गुना मुनाफे पर  बेची जाती है। यही कारण है कि इतना खतरा मोल लेकर  अंतराष्ट्रीय तस्करी को अंजाम दिया जा रहा है।

मणिपुर में से हो रही है ड्रग्स तस्करी –

मास्टरमाइंड शैतानसिंह ने स्पेशल सेल को जो बताया वह और भी चोकाने वाला है।तस्कर के अनुसार मणिपुर में काफी दिनों से हिंसा हो रही है और दंगे भड़के हुए हैं,इसके बाद भी इंटरनेशनल बॉर्डर से होकर म्यांमार से ड्रग तस्करी बेरोकटोक चल रही है। उसने बताया इस बार की डिलिवरी लेने वह  दंगों के चलते वो ड्रग्स की डिलीवरी के लिए नकद राशि लेकर मणिपुर नहीं गया था। Truck driver of Rajasthan’s Rawatsar turns out

डिलीवरी लिए उसने इंफाल में एक हवाला ऑपरेटर की सहायता से 32 लाख रुपए का अमाउंट इंटरनेशनल ड्रग सप्लायर के हैंडलर को ट्रांसफर करवाया था। हालांकि, ज्यादातर पैसा डार्क वेब के जरिए वर्चुअल करेंसी में ही लेनदेन होता होता है

ACP अत्तर सिंह के अनुसार मास्टरमाइंड शैतानसिंह और ट्रक ड्राइवर मोहन लाल चौधरी से हुए खुलासे के बाद अब दिल्ली पुलिस 7 राज्यों में फैले स्थानीय ड्रग्स तस्करी के नेटवर्क को तोड़ने और बाकी गुर्गों को पकड़ने केआ अभियान चला रही है। अभीतक  इनसे पूछताछ कर मामले में इन्वेस्टिगेशन की जा रही है।

अतर सिंह ने बताया कि म्यांमार से देश में नशे की खेप लाने के लिए तस्कर डार्क वेब की मदद लेते हैं। वर्चुअल करंसी का इस्तेमाल किया जाता है। डार्क वेब इंटरनेट का ही एक अंग है हिस्सा है, जिससे वैध और अवैध दोनों तरह के कामों को अंजाम दिया जा रहा है। ये इंटरनेट सर्चिंग का ही एक अंग  है, लेकिन इसे इतनी आसानी से सर्च इंजन पर नहीं ढूंढा जा सकता। Truck driver of Rajasthan’s Rawatsar turns out

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