आपसी दो परिवारों की रंजिश में तीसरे परिवार के साथ हुई घटना \ Incident happened with third family due to enmity between two families
05 JUN 2023
RAWATSAR – MAXLIVENEWS.COM
आपसी दो परिवारों की रंजिश में तीसरे परिवार के साथ हुई घटना \ Incident happened with third family due to enmity between two families क्राइम अपडेट की कड़ी में आज हम बताएंगे कि 2 परिवारों में हुई आपसी रंजिश का शिकार तीसरा परिवार हो गया और उसने किस तरह से अपने परिवार का मुखिया को खो दिया। दरअसल जिस घटना कि आज हम बात करने जा रहे हैं
इस घटना में आरोपी राजा राम उर्फ राजू पुत्र लीलूराम निवासी धन्नासर तहसील रावतसर को अपर जिला एवं सत्र न्यायालय रावतसर में एडीजे राजेंद्र चौधरी ने हत्या करने व सबूत मिटाने के अपराध का दोषी करार देते हुए आजीवन कठोर कारावास और ₹1लाख 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है ,जुर्माना राशि नहीं जमा करवाने पर 9 महीने का अतिरिक्त कारावास हभुगतने के भी आदेश ।

1.घटना की पूरी जानकारी-
दरअसल जिस घटना की हम बात करने जा रहे हैं वह घटना 7 सितंबर 2020 को हनुमानगढ़ जिले के रावतसर उपखंड स्थित पल्लू गांव में घटित हुई थी, मामले की शुरुआत 14 सितंबर 2020 को खुईया पुलिस थाना में दर्ज हुई गुमशुदगी के बाद होती है।
परिवादी सुभाष ने मुकदमा दर्ज करवाते हुए बताया कि उसके पिता लीलूराम 6 सितंबर को सुबह 9 बजे अपनी बहिन से मिलने शेरपुरा (महाजन) गए थे। इस घटना में मृतक का नाम लीलूराम है और मारने वाले के पिता का नाम भी लीलूराम है
अब परिवादी सुभाष के पिता लीलूराम अगले दिन 11 बजे वापिस पल्लू आ गए थे।
इसके बाद उनकी मौजूदगी का कोई पता नहीं चला। आसपास व रिश्तेदारियों में भी नहीं मिले जिस पर 14 सितंबर को गुमशुदगी दर्ज कराई।
2.पुलिस के द्वारा दी गई जानकारी-
परिवादी ने पुलिस को बताया कि हमारे गांव के राजीराम बाना ने अंतिम बार उन्हें पल्लू में देखा था।
और फिर परिवादी ने अपने भाई के साले राजाराम पर रंजिशवश हत्या कर शव गायब करने का शक जताया था।
इस मामले में आधुनिक तकनीक आरोपी तक पहुंचने व ब्लाइंड मर्डर का खुलासा करने में सहायक रही। जब मृतक को गांव के राजाराम बाना ने पल्लू में देखा और उसने घरवालों को बताया तो पल्लू में पुलिस की मदद से सीसीटीवी फुटेज देखने पर 7 सितंबर को दोपहर के समय मृतक और आरोपी एक साथ अर्जुनसर तिराहे की तरफ जाते दिखाई दिए। प्राथमिक सबूत मिलने पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करते हुए
कड़ी जांच पड़ताल के बाद आरोपी की निशानदेही पर अंबिका कॉलेज के पास खाली पड़ी सिंचाई विभाग की कॉलोनी में बायीं तरफ बने एक क्वार्टर के स्नानघर से मृतक के शव को बरामद किया। शव को कुत्ते नोच कर पूरी तरह खा गए थे और बचे थे तो सिर्फ मृतक के पहने हुए कपड़े, जूते व कुछ हड्डियां व खोपड़ी ।
3.मृतक की पहचान-
घरवालों ने कपड़े व जूतों के आधार पर मृतक की पहचान की। मृतक व्यक्ति लीलूराम ही था इसके लिए उसके बेटे व बेटी के डीएनए से मिलान करने पर DNA जांच से यह स्पष्ट हो गया था कि शव लीलूराम का ही था। वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी कंकाल को नर कंकाल होना बताया गया था। आरोपी राजाराम मृतक लीलू राम की बेटी का ननदोई था जिसने अपनी पत्नी को मारपीट कर घर से निकाल दिया था। अब आरोपी राजाराम मृतक लीलूराम पर दबाव बना रहा था कि वह भी अपनी बेटी को ससुराल नही भेजें । और लीलूराम ने ऐसा करने से साफ मना कर दिया था इसी बात से नाराज होकर आरोपी ने इस हत्याकांड को अंजाम दे दिया था।
पुलिस ने अनुसंधान पूरा कर आरोपी के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश कर दिया।
अभियोजन पक्ष की तरफ से न्यायालय में 20 गवाहों को परीक्षित करवाया गया तथा 56 दस्तावेज प्रदर्शित करवाए गए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद एडीजे राजेंद्र चौधरी ने बचाव पक्ष की दलीलों को अस्वीकार करते हुए आरोपी को भादस की धारा 302 में आजीवन कठोर कारावास एवं एक लाख रुपए जुर्माना की सजा तथा धारा 201 के तहत 5 साल के कठोर कारावास व 50 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई।
4.न्यायालय का निर्णय पर टिप्पणी –
न्यायालय ने अपने निर्णय में टिप्पणी करते हुए लिखा कि आरोपी ने लीलूराम की गला घोंटकर हत्या कारित कर शव को सहज दृश्य स्थान से हटकर सुनसान स्थान पर छुपाकर महत्वपूर्ण साक्ष्य विलोपित करने का अपराध किया है। यह करना सामाजिक व विधिक दृष्टि से घिनौना कृत्य हैं। ऐसे में आरोपी के प्रति नरमी का रुख अपनाना न्यायोचित नहीं है। राज्य सरकार की तरफ से पैरवी अपर लोक अभियोजक महेंद्र जैन ने की,आपके लिए यह खबर लिखी थी हमारे कानूनी मामलों के सलाहकार एडवोकेट ML शर्मा ने ।