पुरुषोत्तम दत्त_क्राइम डेस्क@रावतसर/हनुमानगढ़/राजस्थान
रावतसर से भैरूसरी, जाखडावाली व बड़ोपल होकर सूरतगढ़ जाने वाली सड़क पर चलना अब खतरों से खाली नहीं है।
इस सड़क से होकर गुजरने वाले वाहन चालको के लिए यह खबर बेहद जरूरी है ।
रविवार को आई बारिश के बाद इस सड़क पर भैरूसरी से होकर गुजरने वाले सेमनाले के पास सड़क के कटाव लगने के कारण सड़क मिट्टी के साथ बह चुकी है, और बची खुची भी खिसकने की कगार पर है।
खतरों भरा रास्ता ,रावतसर से सूरतगढ़ khatro bhra rasta rawatsar se surtgarh
संबंधित विभाग जीडीसी और स्थानीय प्रशासन को तो कोई ज्यादा परवाह होते दिखाई नहीं दे रही है।

इसलिए हमारी और आपकी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि प्रत्येक आदमी को इस सड़क की स्थिति के बारे में अवगत करवाया जाए ,ताकि कोई इस विभागीय लापरवाही की भेंट चढ़ कर काल के मुंह में न चला जाए।

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स्थानीय लोगों ने भी बताया हर बार बारिश के बाद यही हाल होता है लेकिन विभाग स्थायी इलाज की जगह लीपापोती करने पर ज्यादा जोर देता है ।
स्थानीय लोगों का दर्द- इस मामले पर भेरूसरी के पूर्व सरपंच किरसन ईशराम ने खुलकर बोलते हुए बताया कि हर वर्ष होने वाली यह कटाव की समस्या बीते कई दशकों से बनी हुई है।इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए आवश्यक है कि पूल के आसपास सड़के के मजबूत शोल्डर बनाकर पक्की दीवार बनाई जाए और बरसाती पानी निकालने के लिए सड़क किनारे पर पक्की नाली बनाई जाए।

अब लोगों की माने तो यही लगता है की इस जगह पर हर बार होने वाली मिट्टी भर्ती यानी कच्चा काम जिम्मदारो के लिए कामधेनु गाय बना लिया गया है। ऐसे में आमजन की परवाह किसे होगी भला?
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सवाल जो अब जरूरी है लोकसेवकों से-
1.ऐसे में बड़ा सवाल यह भी उठता है कि जिला कलेक्टर से लेकर उपखंड प्रशासन तक सभी विभाग क्या किसी बड़े हादसे के बाद ही जागेंगे?
2.क्या प्रशासन की जिम्मेदारी नही बनती की ऐसे रिस्की एरिया को चिन्हित कर मानसून के समय तो कम से कम मोनिटरिंग की जाए ?
3.कल को यदि इस लापरवाही के कारण कोई बड़ी जनहानि होती है तो उसके लिए सम्बंधित विभाग के साथ -साथ जिला व उपखण्ड प्रशासन की क्या कोई जिम्मेदारी नही होगी?
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