गैंगरेप व हत्या के मामले में चार दिन बाद परिजनों ने लिया शव Bikaner Gangrape mamle me 4 din baad huaa antim sanskar

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रिपोर्ट:पुरुषोत्तम दत्त@राजस्थान/बीकानेर/खाजूवाला-

गैंगरेप व हत्या के मामले में चार दिन बाद परिजनों ने लिया शव Bikaner Gangrape mamle me 4 din baad huaa antim sanskar

बीकानेर के खुजुवाला में एक दलित युवती की गैंग रेप और हत्या के मामले में आज घटना के 4 चौथे दिन शुक्रवार दोपहर बाद परिजनों और प्रशासन में अंतिम संस्कार को लेकर सहमति बन गई है । वार्ता सम्भागीय आयुक्त नीरज के पवन,आई जी ओमप्रकाश पासवान और परिजनों के बीच हुई ।जानकारी में आ रहा है कि खाजूवाला थाना के निवर्तमान थानाधिकारी अरविंद सिंह शेखावत के इस मामले में आरोपी के साथ सामने आ रहे फोटोग्राफ और अन्य साक्ष्यों के चलते जांच के दायरे में लिया गया है। क्योंकि इस घटना से कुछ दिन पहले युवती के पिता ने अरविंद सिंह को बेटी के साथ छेड़छाड़ की शिकायत दी थी लेकिन पुलिस ने उस समय मामले में कार्रवाई की जगह मृतका के पिता को ही धमकाने के आरोप भी है।CI अरविंद सिंह शेखावत को भी निलंबित कर दिया गया है।

फरार आरोपी दिनेश बिश्नोई ,25 हजार का इनाम घोषित

गैंगरेप व हत्या के मामले में चार दिन बाद परिजनों ने लिया शव Bikaner Gangrape mamle me 4 din baad huaa antim sanskar
दरअसल बीकानेर जिले के खाजूवाला में 20 साल के एक दलित युवती से गैंगरेप कर हत्या करने के मामले में आरोपी के सहयोगी रहे कॉन्स्टेबल मनोज कुमार को एक सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद बर्खास्त कर दिया गया है और कॉन्स्टेबल भागीरथ को सस्पेंड किया हुआ है।
वही मामले का मुख्य आरोपी दिनेश बिश्नोई अभी भी गिरफ्तार से बाहर है और दिनेश बिश्नोई की गिरफ्तारी के लिए उस पर 25हजार का इनाम भी घोषित किया जा चुका है।
इस मामले में मुख्य आरोपी दिनेश के पुलिस के साथ सम्पर्क और उसके रसूख को लेकर खुलासा करने वाली तस्वीरों के सामने आने के बाद अब जो सीसीटीवी वीडियो सामने आया है वह पुलिस की भूमिका उठा रहे सवालों को और पक्का करने वाला है।
वीडियो फुटेज सामने आया है जो इस मामले का खुलासा करने में अहम भूमिका रखता है। सीसीटीवी फुटेज में बर्खास्त हुआ कॉन्स्टेबल और मुख्य आरोपी दिनेश गैंगरेप के बाद युवती को हॉस्पिटल में लेकर जाते दिखाई दे रहे हैं,और फिर मौके से भाग जाते हैं ।
जांच में सामने आया कि युवती की मौत ज्यादा खून बहने से हुई थी ।
इस मामले में यह भी बड़ी बात यह रही है कि गैंगरेप और हत्या के 4 दिन बाद भी पुलिस ने अभी तक किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया है इस मामले में संदिग्ध भूमिका रखने वाले कॉन्स्टेबल मनोज और भागीरथ पुलिस की हिरासत में है ।

बर्खास्त कॉन्स्टेबल मनोज कुमार,राजस्थान में पुलिस की छवि लगातार सुधार की तरफ थी,फिर से दाग लगाने वाला का किया

इस घटना के विरोध में खाजूवाला का बाजार आज भी बन्द रहा , और लोगों के आरोप है कि पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है । और मोर्चेरी घर के सामने बड़ी संख्या में लोग बैठे हुए थे और युवती के घर वाले भी शव लेने से मना कर कर रहे थे, पुलिस द्वारा लगातार परिजनों पर लेकर अंतिम संस्कार करने के लिए दबाव बनाया जा रहा था और पुलिस प्रशासन का अगला कदम बल प्रयोग भी हो सकता था, क्योंकि लगातार चारदिनो से शव रखा हुआ था जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ चुका था। हालांकि अब सौहार्दपूर्ण वार्ता में परिजन अंतिम संस्कार करने को राजी हो गए है।

सस्पेंडेड कांस्टेबल भागीरथ इसके संलिप्तता की भी जांच की जा रही है

इस मामले को लेकर शुरू से ही विपक्ष हमलावर दिखाई दे रहा है और बीजेपी की तीन सदस्यीय जांच कमेटी शुक्रवार को खाजूवाला पहुंची इस कमेटी में विधायक अनिता भदेल जोधपुर के मेयर विनीता सेठ और भाजपा एससी मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष कैलाश मेघवाल शामिल है ।
भाजपा नेताओं ने धरना स्थल पर जाकर विरोध दर्ज करवाया और तीनों सदस्य ने कहा कि जब तक पीड़िता को न्याय नहीं मिलेगा तब तक नहीं उठेंगे। कमेटी इस मामले को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी को रिपोर्ट भी भेजगी। मंगलवार को हुई इस गैंगरेप की घटना के बाद खाजूवाला थाने से 7 पुलिसकर्मियों को हटा दिया गया था।

राजनीति-इस घटना के बाद से बीजेपी लगातार कांग्रेस पर हमलावर दिखाई दे रही है बीजेपी के विधायक मदन दिलावर ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए मंत्री गोविंद राम मेघवाल पर निशाना साधा ।

मदन दिलावर ने कहा कि 4 दिन से ज्यादा का समय हो गया है और बेटियों के साथ इस तरह का कुकृत्य होने के बाद भी मुख्यमंत्री और उनके मंत्री के मुँह बंद क्यों है, क्या गोविंदराम का मुंह सील गया है?

पड़ताल-स्थानीय लोगो के अनुसार गैंगरेप की घटना को अंजाम देने वाले दिनेश बिश्नोई ,कॉन्स्टेबल मनोज और भागीरथ के आपस मे गहरे सम्बन्ध थे ,दिनेश ड्राइवर था और वह दोनों कॉन्स्टेबल के माध्यम से खाजूवाला पुलिस थाने में अंदर तक पेठ बना चुका था। वह जब भी कोई थानाधिकारी जॉइन करता या ट्रांसफर होकर जाता तो ऐसे मौकों पर होने वाले हर कार्यक्रम में शरीक रहता और कार्यक्रम में अधिकारियों के साथ फोटो लेकर धौंस जमाने का काम करता।

यह हाल अकेले खाजूवाला पुलिस थाने का ही है ऐसा नही है राजस्थान का शायद ही कोई ऐसा थाना या पुलिस चौकी होगी जन्हा पर ऐसे लोगों का जाल नही मिलेगा। लगभग हर थाने या चौकी में किसी शराब ,जिप्सम,मिट्टी या लकड़ी तस्कर के अलावा किसी सत्ताधारी नेता की चापलुसी करने वाले छुटभैया नेता की मौजूदगी हर वक्त देखी जा सकती है, जो हर समय थानों में आने वाले मामलों में सेटिंग यानी दलाली के काम मे लगे रहते है। और ऐसे ही लोगों के कारण पुलिस व्यवस्था में कुछ ऐसी काली भेड़े पनप जाती है जो पूरे महकमे पर कालिख पोतने वाला काम कर देती है।

 

सम्पादकीय टिप्पणी-अब आने वाले समय में चुनाव है तो ऐसे में भाजपा इन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाने से रुकने वाली नहीं है ।

एक और जहां राज्य सरकार महंगाई राहत कैंप जैसी स्कीमों के जरिए अपनी छवि सुधारने का भरसक प्रयास कर रही है।

लेकिन तमाम प्रयास अब गांव नजदीक आने के बाद हाथ में जूतियां लेने वाली बात बनती जा रही है।

सबसे बड़ी सच्चाई तो यही है राज्य सरकार का पहले दिन से ही सरकारी विभागों पर नियंत्रण नहीं रहा जिसके चलते हर महकमें अफसर शाही और भ्रष्टाचार का बोलबाला जारी है ।

कानून व्यवस्था जिस तरह से ध्वस्त हुई है राजस्थान में वह किसी को बताने की जरूरत नहीं है। अब देखना होगा राजस्थान में सरकार इस डैमेज को कैसे कंट्रोल कर पाती है? क्योंकि बीकानेर के खाजूवाला में हुई यह घटना एक बहुत बड़े वोट बैंक को सीधे-सीधे प्रभावित करने वाली है।

और वैसे भी मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना है और इससे हर जाति और वर्ग की भावना जुड़ी हुई है । इसे किसी एक वर्ग से जोड़कर देखा जाना भी बहुत बड़ी गलती होगी इस घटना की सूचना मिलते ही सर्व समाज में व्यवस्था के खिलाफ काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है।

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