पानी से बनेगा रॉकेट का ईंधन \ Rocket fuel will be made from water
47 साल के बाद रूस ने फिर से चांद के ऊपर जाने की उड़ान भरी भारत ने पिछले महीने की 14 तारीख को चांद पर उड़ान भरी है chandrayaan-3 को लॉन्च किया है। अमेरिका और चीन ने चांद पर फिर से उड़ान भरने के लिए एडवांस में मिशन स्टार्ट किया है । इस रेस में बहुत सारी private कंपनियां spaceX शामिल हो रही है।
आखिर चांद पर है क्या ऐसा जो सारे लोग खोजने पर लगे हैं-
चांद पर पहुंचने की एक होड सी लगी है सारे देशों में आखिरी लोगों का वहां जाने का मकसद क्या है और वह कौन से देश है ।
रूस-
शीत युद्ध के दौरान सोवियत रूस ने अपने 24 मिशन लॉन्च किए।
*लूना- 24= 1976 में आखिरी मिशन लॉन्च किया जो चांद की 170 ग्राम मिट्टी लेकर सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर पहुंचा। *लूना -25 को 2023 में 47 साल के बाद रूस ने अब नया मिशन लॉन्च किया है।
यह लूना 25 चांद के साउथ पोल वाली साइड 1 साल तक काम करेगा। यहां पर NASA और दूसरी एजेंसियों ने बर्फ के पाए जाने का प्रमाण प्राप्त किया।
Roscosmos रूसी स्पेस एजेंसी के अनुसार सॉफ्ट लैंडिंग टेक्नोलॉजी को विकसित करना है लूना 25 का मकसद यह है।और पानी सहित अन्यचीजों की खोज करना है।1959 में लूना मिशन लॉन्च हुआ जो चांद की सतह पर जाने वाला पहला सोवियत रूस का पहला अंतरिक्ष यान था।
*1966 लूना 9 रूस का सॉफ्ट लैंडिंग मिशन था और पता लगा पाए कि चंद्रमा किस सतह ठोस है। Rocket fuel will be made from water
1 thought on “पानी से बनेगा रॉकेट का ईंधन \ Rocket fuel will be made from water ”