MAXLIVENEWS.COM
पश्चिम बंगाल में हिंसा 20 लोगों की मौत \ Violence in west bengal killed 20 people
पश्चिम बंगाल के अंदर भारी हिंसा हुई है यह हिंसा पंचायत चुनाव के दौरान हुई पश्चिम बंगाल के छह जिलों में 20 लोगों की हत्या की गई पिछले 30 दिनों के अंदर पश्चिम बंगाल में 35 लोगों ने अपनी जान गवा दी पश्चिम बंगाल के अंदर 8 जून को पंचायती चुनाव का ऐलान होने के बाद 7 जुलाई तक 19 लोगों की जान गई थी परंतु 8 जुलाई को हुई भयानक हिंसा में 20 लोगों की मौत हो गई वही 13 मौत सिर्फ मुर्शिदाबाद, कूचबिहार और मालदा में हुई हिंसा के दौरान 200 लोग घायल भी बताए जा रहे हैं हिंसा के दौरान टीएमसी के 9 कार्यकर्ताओं ने अपनी जान गवाई वहीं पर सीपीआई एम के 3 लोग मारे गए हैं Violence in west bengal
बीएसएफ के DIG एसएस गुलेरिया ने रविवार को बताया कि राज्य सेंसिटिव बुथ की जानकारी बार-बार पूछने के बाद भी नहीं दी गई सही से जानकारी दी जाती तो वहां पर केंद्रीय बल तैनात किए जा सकते थे बीएसएफ के डीआईजी ने यह भी कहा कि पुलिस बल प्राप्त होने के पश्चात भी उनका इस्तेमाल नहीं किया गया है Violence in west bengal
BSF DIG एसएस गुलेरिया –
बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के डीआईजी ने कहा कि राज्य चुनाव आयोग ने सिर्फ 7 जून को ही सेंसिटिव बुथ की संख्या बताई थी उस एरिया की कोई भी लोकेशन और ना कोई अन्य जानकारी दी गई थी राज्य के अंदर CAPF के 59000 ट्रप और 25 राज्यों की आर्म्ड पुलिस भी मौजूद थी परंतु इन सभी का सही उपयोग नहीं किया गया है
राज्य सरकार ने सिर्फ 4834 सेंसिटिव बुथ की जानकारी दी थी जिन पर CAPF को तैनात कर दिया गया था इसके अलावा भी बहुत ज्यादा सेंसिटिव बुथ मौजूद थे वहां पर बीएसएफ की तैनाती तो स्थानीय प्रशासन की मांग के दौरान ही की गई थी Violence in west bengal
शुभेंदु अधिकारी का बयान-
विपक्ष के नेता और नंदीग्राम से भाजपा के विधायक शुभेंदु अधिकारी ने पंचायत चुनाव में हुई हत्याओं के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदार बताया है उन्होंने बताया कि टीएमसी के गुंडों और पुलिस की मिलीभगत से यह सारी हत्याएं हुई है और कहा कि इस पूरे मामले की जांच CBI और NIA के द्वारा करी जानी चाहिए शुभेंदु अधिकारी ने यह भी कहा कि यहां पर कोई भी चुनाव नहीं हो रहा था वोटों की लूट हो रही थी और मौत हो रही थी शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि सीसीटीवी की निगरानी का दावा किया गया था परंतु सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए थे Violence in west bengal