
आज मंगलवार दोपहर को तपती दोपहर में पीने के साफ पानी की सप्लाई की मांग को लेकर रावतसर PHED AEN की चौखट पर बैठे स्थानीय पार्षद व नागरिक AEN हेमन्त सोनी के खिलाफ नारेबाजी की।
एक और जन्हा राज्य सरकार 6 महीने बाद ही होने वाले विधानसभा चुनावों की नैया राहत केम्प को पतवार बनाकर पार करने की कोशिश में जुटी हुई है, वंही AEN PHED रावतसर ऑफिस की चौखट पर पानी के लिए मन्नते करते हुए थक हारकर धरने पर बैठे लोगों की सामने आ रही तस्वीरे देखकर लग रहा है कि भीषण गर्मी में मूलभूत जरूरतों में से बिजली व पानी के लिए जनता को तरसाकर ये अधिकारी कर्मचारी ही सरकार की नाव के पेंदे में छेद करने का काम कर रहे है।
पार्षदों और स्थानीय लोगों के द्वारा काफी समय तक नारेबाजी जे बाद भी कोई समस्या सुनने को तैयार नही हुआ तो उन्हें मजबूरन धरने पर बैठना पड़ा।
वैसे सरकार और उसकी मनसा को लेकर अधिकारी कितने गम्भीर है यह तो कह नही सकते लेकिन PHED रावतसर में देखने मे आया कि मौजूदा CM का चेहरा जरूर किसी को पसंद नही आ रहा है इसीलिये तो AEN कार्यालय रावतसर में स्वच्छ जल का वायदा करने वाले सरकार पोस्टर से किसी ने CM का चेहरा ही नोच कर रख दिया है ।
अब जिस विभाग को CM की ही परवाह नही तो आमजन तो त्राहिमाम ही करेगी!
परिणाम- लगातार कई घण्टो तक चली नारेबाजी के बाद एक बार फिर 7 दिनों में व्यवस्था सुधारने का वायदा बीचबचाव में उतरे ग्रामीण AEN विश्वेश्वर दायमा के आश्वासन पर धरना प्रदर्शन समाप्त किया गया।
PHED ऑफिस में सरकार बदलने जैसा माहौल-
अक्सर सरकार बदलने के बाद विभागों में लगे निवर्तमान CM या सम्बंधित विभाग के निवर्तमान मंत्रियों की योजनाओं के बैनरों पर लगी तस्वीरे या तो हटा दी जाती है या फिर उनपर कोई पेपर की सहायता से ढक दिया जाता है यह सब आचार शिता लगने के बाद तो सही है लेकिन PHED रावतसर के AEN ऑफिस में स्वच्छ जल के प्रचार वाले बैनर से CM अशोक गहलोत की तस्वीरे को नोचकर मिटाया जा चुका है । अब ना तो आचार संहिता लागू और ना ही मुख्यमंत्री बदला है तो ऐसे में यंहा पर अधिकारियों को CM की फ़ोटो के साथ हुई छेड़छाड़ दिखाई नही दी या फिर उन्हें मौजूदा CM और सरकार से कोई ज्यादा सरोकार नही है यह भी सोचने वाली बात होगी।

आप भी पढ़िए लोगों की तकलीफों को-
पार्षद महावीर सुडा-
रावतसर कस्बे के वार्ड नंबर 26 से वार्ड पार्षद महावीर सुडा ने बताया कि वह 1 दिन पहले ही जयपुर से पीलिया का इलाज करवा कर लौटा है।
महावीर सुडा का कहना है कि शहर में पिछले कई महीनों से लगातार भूमिगत जल और नहरी पानी बिना उपचार किए दिया गया था जिसके चलते काफी लोग पीलिया रोग से पीड़ित हो गए थे। वह खुद भी पीलिया की चपेट में आ गए थे गंभीर अवस्था हो जाने के चलते स्थानीय चिकित्सालय से इलाज नहीं होने पर जयपुर जाकर इलाज लेना पड़ा था । आज भी लगातार वही अशुद्ध पेयजल सप्लाई किया जा रहा है और सप्लाई भी निश्चित नहीं है।
पार्षद गौतम बंसल-
स्वच्छ पेयजल के नाम पर है खानापूर्ति करते हुए स्थानीय नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ बड़ा खिलवाड़ पीएचइडी विभाग रावतसर कर रहा है।
इसके साथ ही साथ हैं पानी सप्लाई के नाम पर भी लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है। कई वार्डो में पांच पांच दिनों तक सप्लाई नहीं दी जाती है तो वही कुछ प्रभावशाली लोगों के कहने पर उनकी इच्छा अनुसार सप्लाई शुरू कर दी जाती है। वंही बीती रात को विद्युत की परेशानी को लेकर जा बे वार्ड वासी रात को 2:00 बजे के लगभग बिजली बोर्ड जा रहे थे तो उस समय बाजार में पानी की सप्लाई शुरू थी, ऐसे में रात को 1:00 से 2:00 के बीच में कौन पानी भरेगा ?सुबह बाजार के लोगों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है।
पार्षद मनोज मेघवाल- वार्डो में पानी की सप्लाई ढंग से नहीं की जाती है।पानी की सप्लाई करने वाले कर्मचारी की घोर लापरवाही है ,कर्मचारी जानबूझकर पानी के बाल को आधा खोलता है जिससे कुछ ही घरों में पानी पहुंच पाता है। ऐसे में हर वक्त पीने के पानी की ही कमी बनी रहती है, वार्ड वासी इस भयंकर गर्मी में पीने के पानी को भी तरस रहे हैं। बार-बार अवगत करवाने के बावजूद कोई समाधान नहीं हो रहा है।