रावतसर में शैलेन्द्र मेघवाल आत्महत्या कांड: कैलाश मेघवाल की मध्यस्थता में मामला हुआ शांत
मुख्य बिंदु
* मामले का समाधान: रावतसर में हुई शैलेन्द्र मेघवाल की आत्महत्या के मामले में मध्यस्थता के बाद परिजन शांत हुए हैं।
* मध्यस्थता: भाजपा एससी मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष कैलाश मेघवाल की मध्यस्थता से मामला सुलझा।
मांगें: परिजनों की आरोपियों की गिरफ्तारी, आश्रित को नौकरी और आर्थिक मदद जैसी मांगों पर पुलिस ने आश्वासन दिया।
* पोस्टमार्टम: परिजन अब शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए सहमत हो गए हैं।
*ऐसे निकला समाधान* वार्ता में आक्रोशित परिजनों ने आरोपियों की गिरफ्तारी ,आश्रित को नौकरी और आर्थिक मदद सहित कई मांगों के माने जाने तक पोस्टमार्टम से मना कर दिया था ।आज शनिवार सुबह भाजपा एस सी मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष कैलाश मेघवाल की मध्यस्थता में भीम आर्मी से रामदेव बेरवाल ,सुनील भारतीय ,प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य, एडवोकेट दयालराम भाटी,सतपाल जोगपाल जिला महासचिव भीम आर्मी,आलोक बिबान,सतपाल गौड़ प्रदेश महासचिव भीम आर्मी हरियाणा और परिजनों को *DYSP हंसराज बैरवा और CI रामचंद्र कस्वां* द्वारा उचित आश्वासन मिलने के बाद गतिरोध खत्म हो गया और परिजन हुए शव का पोस्टमार्टम करवाने को सहमत हो गए।
विश्लेषण:
*यह थी पूरी घटना*_रावतसर में एक व्यक्ति ने सल्फास की गोलियां खाकर आत्महत्या कर ली , जानकारी के अनुसार
चाईया निवासी शैलेन्द्र मेघवाल ने की आत्महत्या करते हुए इस खौफनाक कदम के लिए तीन लोगों पर मजबूर करने के आरोपी कथित रूप से छोड़े गए सुसाइड नोट में लगाए है। और इसी के आधार पर रावतसर थाने में मामला भी करवाया दर्ज करवाया गया है।
दर्ज मुकदमे के अनुसार रुपयों के लेनदेन का मामला है जिसमें मृतक शैलेंद्र के बेटे संदीप ने बताया कि दो महीने पहले चाईया निवासी राजपाल खीचड़ को जगदीश पुत्र इंद्राज मेहरड़ा निवासी नानुवाना तहसील रानियां जिला सिरसा हरियाणा मदन मास्टर पुत्र लेखराम निवासी बालासर तहसील रानियां जिला सिरसा से आलू का बीज 40 हजार रुपए कीमत का दिलवाया था जिसके रुपए दस दिन बाद राजपाल से दिलवाने थे जिन्हें देने से राजपाल बीज ने मना कर दिया तो जगदीश और मदन ने मृतक सुरेन्द्र को धमकाना शुरू कर दिया और कहा कि 40 हजार नहीं हम लोग 40 भी निकलवा लेंगे जिससे तंग आकर सुरेंद्र ने आत्मघाती कदम उठा लिया। वहीं इस मामले में बताया ये भी जा रहा है कि पूर्व में पंचायती भी हुई थी जिसमें राजपाल खीचड़ ने आलू का बीज नहीं उगने का कारण बीज खराब होना बताते हुए रूपए देने से मना कर दिया था। मृतक सुरेन्द्र ने 18 दिसंबर को जहरी वस्तु का सेवन कर लिया था जिसे रावतसर लाया गया जहां से जिला चिकित्सालय और जिला चिकित्सालय से श्री गंगानगर रेफर कर दिया गया था जहां पर आज सुबह-सुबह दम तोड दिया।अब मृतक के परिवार जन सीएचसी रावतसर की मोर्चरी में शव रखकर CHC के बाहर धरना लगाते हुए नामजद आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी से पहले पोस्टमार्टम करवाने से मना कर दिया था।
हालांकि डीएसपी हंसराज बेरवा और थानाधिकारी रावतसर रामचंद्र कस्वां ने समझाई करने की कोशिश भी की लेकिन आक्रोशित लोग सहमत नहीं हुए और शुक्रवार की शाम को स्थित जस की तस बनी रही व शव रातभर मोर्चरी घर में ही रखा गया था।
यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि सामाजिक और राजनीतिक दबाव से ऐसे मामलों का समाधान निकाला जा सकता है। हालांकि, यह भी चिंता का विषय है कि लोगों को न्याय दिलाने के लिए ऐसे कदम उठाने पड़ते हैं।
इस मामले से सीख:
* न्याय की मांग: लोगों को न्याय मिलना चाहिए और उनके हक की रक्षा होनी चाहिए।
* पुलिस की भूमिका: पुलिस को ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाना चाहिए।
* सामाजिक समरसता: समाज में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सामाजिक समरसता का होना बहुत जरूरी है।
आगे का रास्ता:
* पुलिस जांच: पुलिस को इस मामले की गहनता से जांच करनी चाहिए और आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करना चाहिए।
* न्यायिक प्रक्रिया: आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि मृतक के परिवार को न्याय मिल सके।
* शासन का ध्यान: सरकार को ऐसे मामलों पर ध्यान देना चाहिए और लोगों को न्याय दिलाने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए।
यह मामला एक बार फिर हमें याद दिलाता है कि समाज में अभी भी बहुत कुछ सुधार करने की जरूरत है। हमें सभी को मिलकर काम करना होगा ताकि ऐसे मामले भविष्य में न हों।